पानी का नैसर्गिक गुण
नैरोबी, केन्या के विशाल सवाना के पास, जाबारी नाम का शावक रहता था। वह अपने परिवार का गर्व था, लेकिन उसमें एक कमी थी—उसमें धैर्य की कमी थी।
जाबारी को यह पूर्ण विश्वास था कि "ताकत से हर समस्या का समाधान है।" वह ज़ोर से दहाड़ने की अभ्यास करता, अपने नाखूनों को तेज करता और अन्य शावकों को कुश्ती के लिए ललकारता। वह अक्सर सबसे कहता कि, "ताकत ही बल है!"
एक दिन दोपहर में सूरज बहुत तप रहा था, नदी के किनारे जाबारी और उसकी माँ लीना बैठे हुए थे। उसने देखा कि जाबारी पानी पी रहा था।
लीना ने पूछा, "जाबारी, इस दुनिया में सबसे ताकतवर चीज़ क्या है?"
बिना सोचे-समझे, जाबारी ने जवाब दिया, "दांत! नाखून! काटने और फाड़ने की शक्ति!"
लीना उसे नदी के करीब ले जाते हुए मुस्करा बोली, "तो ज़रा पानी को काटकर दिखाओ"
जाबारी हँसा, लेकिन उसने कोशिश की। उसने अपने नुकीले दाँत पानी में डुबोकर काटा, लेकिन पानी तो बिना किसी असर के बह गया। उसने दोबारा कोशिश की—पर पानी पर कोई फर्क नहीं पड़ा।
लीना हँसी और बोली, "चाहे तुम्हारे दाँत कितने भी नुकीले हों, तुम पानी को नहीं काट सकते।"
जाबारी ने आश्चर्य से पूछा, "क्यों?"
जाबारी ने बहते हुए पानी को देखा और गहरे विचार में पड़ गया। शायद असली ताकत सिर्फ लड़ने में नहीं, बल्कि समय के अनुसार चलने में है।
उस दिन के बाद, जाबारी ने सिर्फ अपने शरीर को ही नहीं, बल्कि अपने मन को भी प्रशिक्षित किया—धैर्य, बुद्धिमानी और सच्ची शक्ति को समझने के लिए।